फेमा कब लागू हुआ
फेमा कब लागू हुआ:भारत में फेमा (देशांतर नियंत्रण अधिनियम) का लागू होना 2005 में हुआ था। यह अधिनियम राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को ध्यान में रखते हुए देश की सुरक्षा में मदद करने के लिए बनाया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य देश को आतंकवाद और अन्य सामाजिक-आर्थिक खतरों से बचाना है।

फेमा अधिनियम भारत में सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़ी कई मुद्दों को शामिल करता है, जैसे कि आतंकी हमलों को रोकना, गुप्त सेवाओं के खिलाफ कार्रवाई करना और अन्य नागरिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित जीवन-मौत से जुड़ी मुद्दों का संभाला करना।
इस अधिनियम के अंतर्गत, एक संचालन समिति नियुक्त की जाती है जो देश में आतंकवाद या गुप्त सेवाओं के संबंध में किसी भी धारा के तहत कार्रवाई करने का अधिकार रखती है। इसके अलावा, फेमा अधिनियम में आतंकवाद के संबंध में धार्मिक समुदायों को लेकर भ्रमित होने वाली मानसिकता और तथ्यों को दूर करने का भी प्रयास किया गया है।
फेमा अधिनियम के तहत, अधिकारियों को नागरिकों की संपत्ति, जैसे वित्तीय या संपत्ति के संबंध में जानकारी इकट्ठा करने और जांच करने का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा, फेमा अधिनियम के तहत आतंकवाद या अन्य सुरक्षा संबंधी खतरों को नियंत्रण में रखने के
फेमा (FEMA) यानी विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम को 1 जून 2000 को लागू किया गया था। यह अधिनियम भारत के विदेशी मुद्रा संबंधी कानूनों को संशोधित करने के लिए बनाया गया था।
इस अधिनियम के तहत, भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों को विदेशी मुद्रा और विदेशी संपत्ति से संबंधित विभिन्न विनियमों का पालन करना होता है। इसके अलावा, विदेशी नागरिकों और विदेशी संस्थाओं के लिए भारत में निवेश करने से जुड़े नियम भी होते हैं।
फेमा FAQ’S

विदेशी मुद्रा खरीदने और बेचने से संबंधित नियम।
भारत में विदेशी मुद्रा खातों का बंदोबस्त करने से संबंधित नियम।
भारत में निवेश करने से संबंधित नियम।
विदेशी निवेशकों के लिए भारत में निवेश करने से संबंधित नियम।
भारतीय नागरिकों के लिए विदेशी मुद्रा खरीदने और भेजने से संबंधित नियम।
इसके अलावा, फेमा अधिनियम के अंतर्गत विदेशी मुद्रा भेजने या प्राप्त करने से संबंधित नियमों के उल्लंघन पर धारा 13 और 14 में दंड दिया गया है। इन धाराओं के अंतर्गत, अपराधिक कार्रवाई जैसे जुर्माने और सज़ा की संभावना होती है।